Gautam Adani की Story – Ports से लेकर Power तक का सफर

भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी कुछ ऐसे लोगों से जुड़ी हुई है जिन्होंने ज़ीरो से शुरू करके ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया। ऐसे ही एक शख्स हैं – गौतम अडानी। एक छोटे व्यापारी के बेटे से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार होने तक का उनका सफर भारतीय उद्यमिता और जोखिम लेने की भावना का अद्वितीय उदाहरण है। इस लेख में हम गौतम अडानी की जिंदगी, उनके व्यावसायिक निर्णयों, संघर्षों और सफलता की विस्तृत कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं।

प्रारंभिक जीवन

गौतम शांतिलाल अडानी का जन्म 24 जून 1962 को अहमदाबाद, गुजरात में एक मध्यमवर्गीय जैन परिवार में हुआ था। उनके पिता एक छोटे स्तर के कपड़े के व्यापारी थे और उनके कुल सात भाई-बहन थे। बचपन से ही गौतम में व्यवसाय के प्रति गहरी रुचि थी, लेकिन पारंपरिक पढ़ाई में उनकी विशेष रुचि नहीं थी।

उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से वाणिज्य (B.Com) में पढ़ाई शुरू की लेकिन दूसरे वर्ष में ही कॉलेज छोड़ दिया। उनकी सोच थी कि असली सीख किताबों से नहीं, बल्कि अनुभव से आती है।

मुंबई की ओर पहला कदम

गौतम अडानी ने मात्र 18 वर्ष की उम्र में मुंबई का रुख किया, जहाँ उन्होंने महिंद्रा ब्रदर्स नाम की एक डायमंड ट्रेडिंग कंपनी में काम शुरू किया। यहाँ उन्होंने हीरे की पहचान, ग्रेडिंग और व्यापार के गुर सीखे। कुछ समय बाद उन्होंने अपनी खुद की हीरा ट्रेडिंग फर्म शुरू की और जल्द ही इसमें लाभ भी कमाया।

लेकिन अडानी की दृष्टि केवल छोटे व्यापार तक सीमित नहीं थी। वे कुछ बड़ा करना चाहते थे – ऐसा कुछ जो देश की आर्थिक धारा को बदल दे।

व्यापार की शुरुआत – अडानी एंटरप्राइजेज

1981 में उनके बड़े भाई मनसुखभाई अडानी ने अहमदाबाद में एक प्लास्टिक यूनिट खरीदी और गौतम को उसे संभालने के लिए बुलाया। गौतम ने इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दिया। उन्होंने पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) का आयात शुरू किया – यह उनके अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पहला कदम था।

1988 में गौतम अडानी ने Adani Exports Ltd. की स्थापना की, जो आज Adani Enterprises के नाम से जानी जाती है। शुरू में यह कंपनी कृषि उत्पादों, टेक्सटाइल और ऊर्जा संसाधनों का निर्यात-आयात करती थी।

लक्ष्य – बुनियादी ढांचा (Infrastructure)

1990 के दशक में भारत में आर्थिक उदारीकरण के साथ ही गौतम अडानी ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कदम रखने का बड़ा निर्णय लिया। उनकी सोच स्पष्ट थी – यदि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनना है, तो उसे मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। उन्होंने यह अवसर पहचाना और इसके इर्द-गिर्द अपना साम्राज्य खड़ा किया।

मुंद्रा पोर्ट – एक क्रांतिकारी कदम

1995 में अडानी समूह ने गुजरात के मुंद्रा में एक पोर्ट विकसित करने का प्रस्ताव दिया। यह एक ऐतिहासिक कदम था क्योंकि यह भारत का पहला निजी पोर्ट था। सरकार ने इसकी मंजूरी दी और गौतम अडानी के नेतृत्व में यह प्रोजेक्ट रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ।

Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ) ने मुंद्रा को एक छोटे से गांव से भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक पोर्ट में बदल दिया। आज मुंद्रा पोर्ट भारत का सबसे बड़ा निजी पोर्ट है और लाखों टन कार्गो हर साल यहां से गुजरता है।

ऊर्जा (Power) और कोयला (Coal) में प्रवेश

पोर्ट के बाद अडानी का अगला लक्ष्य था ऊर्जा क्षेत्र। उन्होंने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को देखते हुए बिजली उत्पादन और आपूर्ति में कदम रखा।

Adani Power की स्थापना

2006 में Adani Power की स्थापना की गई। यह कंपनी कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट्स से बिजली का उत्पादन करती है। इसका पहला मेगा प्लांट मुंद्रा में 4,620 मेगावाट की क्षमता वाला बना, जो उस समय एशिया का सबसे बड़ा निजी ताप विद्युत संयंत्र था।

कोयला खनन (Coal Mining)

गौतम अडानी ने यह समझा कि पावर उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति भी जरूरी है। इसलिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में कोयला खदानें खरीदीं। Carmichael coal mine प्रोजेक्ट, ऑस्ट्रेलिया में उनका सबसे बड़ा और चर्चित निवेश है।

विस्तार – हवाई अड्डे, डेटा, सीमेंट और FMCG तक

अडानी ग्रुप का विस्तार यहीं नहीं रुका। उन्होंने विविध क्षेत्रों में अपने कदम फैलाए:

एयरपोर्ट्स

2019 में अडानी समूह ने भारत सरकार की सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) नीति के अंतर्गत 6 प्रमुख हवाई अड्डों (लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मैंगलोर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम) का संचालन अपने हाथों में लिया।

अब Adani Airports Holdings भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर बन चुकी है।

सीमेंट इंडस्ट्री में प्रवेश

2022 में अडानी ने Ambuja Cement और ACC Cement को खरीदकर भारत की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बना दी। यह अधिग्रहण लगभग $10.5 बिलियन में हुआ था।

ग्रीन एनर्जी और डेटा सेंटर

Adani Green Energy ने रिन्यूएबल एनर्जी (सौर और पवन ऊर्जा) में भी जबरदस्त निवेश किया है। साथ ही AdaniConneX के जरिए डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी विकसित किया जा रहा है।

नेट वर्थ और वैश्विक पहचान

2022-23 में, गौतम अडानी कुछ समय के लिए दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति भी बने। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, उनकी संपत्ति एक समय पर $150 बिलियन से अधिक हो गई थी।

हालाँकि, 2023 में Hindenburg Research की एक रिपोर्ट के बाद उनके शेयरों में भारी गिरावट आई, लेकिन अडानी ने इस संकट से भी उबरने की क्षमता दिखाई और पारदर्शिता बढ़ाते हुए निवेशकों का विश्वास फिर से जीतना शुरू किया।

व्यक्तिगत जीवन और सादगी

गौतम अडानी की शादी प्रीति अडानी से हुई है, जो एक शिक्षिका और Adani Foundation की चेयरपर्सन हैं। वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में कई परियोजनाएं चला रही हैं।

अडानी स्वभाव से सादगी पसंद और मीडिया से दूर रहने वाले व्यक्ति माने जाते हैं। वे अक्सर कहते हैं:

“सपने वो नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको नींद नहीं लेने देते।”

Adani Foundation – सामाजिक जिम्मेदारी

अडानी ग्रुप केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। इसकी सामाजिक शाखा Adani Foundation ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। यह संस्था देशभर में लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।

गौतम अडानी से क्या सीख सकते हैं?

गौतम अडानी की कहानी से हम कई महत्वपूर्ण जीवन पाठ सीख सकते हैं:

  1. जोखिम उठाना सीखें – बिना जोखिम के सफलता संभव नहीं।

  2. विकासशील क्षेत्रों में निवेश करें – उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, और लॉजिस्टिक्स जैसे भविष्य के क्षेत्रों में निवेश किया।

  3. संकट में भी अवसर देखें – Hindenburg जैसे संकट को भी उन्होंने अवसर में बदला।

  4. सपनों को साकार करने के लिए मेहनत जरूरी है – शिक्षा अधूरी रह गई, लेकिन सीखना नहीं छोड़ा।

मिट्टी से उठकर शिखर तक

गौतम अडानी की कहानी एक आम इंसान के असाधारण बनने की मिसाल है। उन्होंने दिखाया कि सोच बड़ी हो तो साधन अपने आप आ जाते हैं। व्यापारिक रणनीति, दूरदर्शिता और निरंतर मेहनत की बदौलत उन्होंने एक ऐसा साम्राज्य खड़ा किया है जो न केवल भारत बल्कि दुनिया में प्रभावशाली बन चुका है।

पोर्ट्स से लेकर पावर तक, कोयले से लेकर क्लाउड तक – अडानी ग्रुप ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनकी यात्रा यह सिद्ध करती है कि यदि इरादे मजबूत हों और दिशा स्पष्ट हो, तो कोई भी सपना साकार हो सकता है।

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